Aids kaise hota hai ,10 प्रमुख बचाव के तरीके,लक्षण,सावधानियाँ

दोस्तों आज हम जिस topic पर आपसे बात करने जा रहे है , वो एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई भी उचित इलाज संभव नहीं हो पाया है | जी हाँ , अब बात कर रहे है AIDS की | दोस्तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम ये जानने की कोशिश करेंगे की AIDS Kya Hota Hai , AIDS Kaise Hota hai , इसके बचाव के तरीके , लक्षण , सावधानी आदि |

दोस्तों AIDS कोई नई बीमारी नहीं है , यह काफी समय से लोगों को प्रभावित कर रहीं है | वैज्ञानिको के लाख कोशिशों के बाद भी इस बीमारी का कोई भी प्रभावित इलाज संभव नहीं हो पाया , इसलिए सीधे शब्दों में कहे तो इसका बचाव ही इलाज है | आज हम आपको इससे जुड़ीं हर प्रकार की जानकारी Share करेंगे |

आइये जानते है कि AIDS क्या होता हैं ? AIDS Kaise Hota hai ?

HIV AIDS Kya Hota Hai – एड्स क्या है

Table of Contents

एड्स (AIDS) एक जीवाणु संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो मानव शरीर के इम्यून सिस्टम को नष्ट करती है। इसका पूरा नाम है “एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियंसी सिंड्रोम” (Acquired Immunodeficiency Syndrome)। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है | इसके कारण हमें कई प्रकार और बीमारियों से लड़ने में भी मुश्किले होती है | याब बीमारी एक प्रकार के virus के कारण होता है |

HIV AIDS
HIV AIDS VIRUS

ADIS के कारण व्यक्ति को बार बार किसी न किसी प्रकार की छोटी बड़ी बीमारियाँ होती रहती है जिसके कारण व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है | फलस्वरूप उसका वजन कम होने लगता है , शारीर में ताकत कम होने लगती है |

AIDS के लक्षण

एड्स के संक्रमित होने पर निम्नलिखित कुछ लक्षण हो सकते हैं:

  • बुखार
  • शरीर का वजन घटना
  • पेट दर्द
  • पसीना आना
AIDS के लक्षण
  • बार-बार संक्रमण होना
  • त्वचा में चकत्ते या फुंसियां होना
  • सामान्य रोगों का लंबे समय तक ठीक न होना

इसके अलावा भी कई लक्षण हो सकते है | कुछ कुछ cases में लंबे समय तक कोई भी लक्षण नहीं दिखते | इसलिए आपको स्वयं को यदि ये महशुस होता है कि किसी भी वजह से आपको लगता है कि आप इस बीमारी से ग्रसित हो सकते है तो आपको अवश्य ही Doctor की सलाह से HIV test करवा लेहना चाहिए | ये वजहें नीचे दिये गए कारणों में से कोई भी हो सकती है | आइये अब जानते है कि AIDS Kaise Hota hai

AIDS kaise hota hai

एड्स का प्रमुख कारण

AIDS Kaise Hota hai ? एड्स (AIDS) एक वायरल बीमारी है जो एक विशेष प्रकार के वायरस, जिसे एचआईवी (HIV) कहा जाता है, के कारण होती है। एचआईवी वायरस मनुष्य के इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और उसे कमजोर बना देता है, जिससे व्यक्ति को संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे व्यक्ति अनेक बीमारियों और संक्रमणों का शिकार हो सकता है। एचआईवी (HIV) वायरस है, जो रक्त, शुक्राणु, रक्तचाप के अलावा अन्य शरीर के तरल तत्वों में पाया जाता है।

एचआईवी वायरस के संक्रमण के बाद, व्यक्ति के शरीर में शक्तिशाली रूप से इम्यून सिस्टम को नष्ट करने वाले विकार होते हैं। इम्यून सिस्टम की कमजोरी के कारण, व्यक्ति को छोटे से छोटे संक्रमण और रोगों से भी लड़ने में कठिनाई होती है। इसके परिणामस्वरूप, एड्स से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इन्फेक्शनों का सामान्य से अधिक हो जाने का खतरा बढ़ जाता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

एचआईवी वायरस का संक्रमण सेक्सुअल संपर्क, रक्त से और गर्भवती माता से बच्चे को भी हो सकता है। संक्रमण का खतरा संबंधित व्यक्ति के रक्त, शुक्राणु, योनि स्राव, स्तनपान दुध से भी हो सकता है।

एचआईवी वायरस का प्रमुख रूप से निम्नलिखित तीन मार्गों से संक्रमण हो सकता है:

सेक्सुअल संपर्क:

यदि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के रक्त, सेमेन, योनि स्राव, या बिना कंडोम के माध्यम से सेक्सुअल संपर्क होता है, तो वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है।

रोगी के ब्लड के माध्यम से:

एचआईवी वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से यह वायरस दूसरे व्यक्ति के रक्त में प्रवेश कर सकता है। इसलिए ब्लड डोनेशन, चिकित्सा ट्रीटमेंट, इंजेक्शन या रोगी के ब्लड के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।

माँ से शिशु को:

गर्भवती महिला अगर एचआईवी संक्रमित हो तो वे अपने शिशु को भी गर्भधारण के दौरान, प्रसव के समय, या स्तनपान के माध्यम से संक्रमित कर सकती हैं।

एचआईवी संक्रमण होने पर शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, और व्यक्ति वर्षों तक बिना लक्षणों के रह सकता है। लेकिन समय के साथ, एचआईवी संक्रमण के कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे कि बुखार, शरीर का वजन घटना, पेट दर्द, त्वचा में चकत्ते या फुंसियां होना, सामान्य रोगों का लंबे समय तक बचाव न होना आदि।

यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम स्वयं को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए संबंधित विशेषज्ञ के साथ विशेषज्ञ सलाह लें, सुरक्षित सेक्स प्रथाओं का पालन करें, एचआईवी वायरस के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएं और उचित इलाज और देखभाल करवाएं।

इनके अतिरिक्त भी ऐसा कोई भी कारण जिसके कारण किसी और व्यक्ति का ब्लड आपके शरीर में जाता है तो उससे भी आपको AIDS हो सकता है | अब आप समझ ही गए होंगे कि AIDS Kaise Hota hai ? आइये अब ईससे बचाने के लिए कुछ उपायों के बारें में जानते है –

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HIV और एड्स से बचने के लिए उपाय

HIV और एड्स से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करना महत्वपूर्ण है:

सुरक्षित सेक्स:

सेक्सुअल संपर्क के दौरान कंडोम का प्रयोग करना एचआईवी के संक्रमण से बचने में सहायक होता है। नये संबंध बनाने से पहले, व अनुचित संबंधों से बचें।

नियमित एचआईवी टेस्टिंग:

विशेष तौर पर वह लोग जिन्हें अनुचित सेक्सुअल संपर्क या रिस्की विकारियों से संपर्क होता है, नियमित एचआईवी टेस्टिंग कराना चाहिए।

सुरक्षित इंजेक्शन:

इंजेक्शन, और ब्लड डोनेशन के लिए उपयोग किए जाने वाले Niddle और Syringe एक ही बार उपयोग करे, और सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित तरीके से हो |

संबंधित जागरूकता:

एचआईवी संक्रमण, एड्स और उनसे जुड़ी जानकारी को समझना और साझा करना महत्वपूर्ण है।

ब्लड डोनेशन:

यदि आप ब्लड डोनेट करना चाहते हैं, तो सिर्फ एक बार उपयोग किए गए एक्सेसरीज और उचित रक्त डोनेशन केंद्रों से डोनेट करें।

डोनेशन

विशेषज्ञ की सलाह:

एचआईवी संक्रमण या एड्स के शक के मामले में, या विशेष चिकित्सा के लिए, एक विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

भारत के प्रमुख HIV AIDS चिकित्सा संस्थान

HIV AIDS से संबन्धित कई चिकित्सा संस्थान और अस्पताल है | इनमें से कुछ निम्नलिखित अस्पताल व चिकित्सा संस्थान HIV और एड्स से ग्रस्त व्यक्तियों के इलाज के लिए संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं:

राष्ट्रीय एचआईवी एड्स नियंत्रण संस्थान (National AIDS Control Organization, NACO):

NACO भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण संगठन है जो एचआईवी और एड्स के नियंत्रण एवं प्रबंधन में कार्यरत है। NACO द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं, टेस्टिंग और इलाज के लिए अनेक स्थानों पर कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

राजकीय अस्पताल और सरकारी चिकित्सा संस्थान:

भारत में कई राजकीय अस्पताल और सरकारी चिकित्सा संस्थान HIV और एड्स के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं।

निजी अस्पताल और स्वयंसेवी संगठन:

कई निजी अस्पताल और स्वयंसेवी संगठन भी एचआईवी और एड्स से ग्रस्त व्यक्तियों के इलाज के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं। ये संस्थान भी टेस्टिंग, चिकित्सा आदि के लिए संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं।

विश्वविद्यालय चिकित्सा संस्थान (AIIMS जैसे):

देश के कई विश्वविद्यालय चिकित्सा संस्थान भी एचआईवी और एड्स के उपचार में नेतृत्व करते हैं और अनुसंधान भी करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को एचआईवी या एड्स संक्रमित होने के शक हैं या वे इलाज के लिए संबंधित संस्थान की तलाश कर रहे हैं, तो निकटतम सरकारी चिकित्सा संस्थान, निजी अस्पताल या स्वयंसेवी संगठन से संपर्क करना उचित होगा। वे व्यक्ति का इलाज और सहायता प्रदान कर सकते हैं और इस संक्रमण के खिलाफ जागरूकता को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं। आसा करते है की आपको हमारा पोस्ट Aids kaise hota hai यह बात समझ मे आरही होगी |

एचआईवी और एड्स मे क्या अंतर हैं?

बहुत से लोगो के मन मे यह सवाल रहता होगा की एचआईवी और एड्स मे क्या अंतर हैं? आइये आज इस सवाल का जवाब आप सभी को बताते है | जब किसी को एचआईवी होता है तो यह शरीर को धीरे धीरे कमजोर बनाने लगता है |

जब कोई एचआईवी का मरीज अपने इस समस्या को ठीक नहीं करता है तो यह प्रोब्लेम बहुत ज्यादा शरीर मे बढ्ने लगता है जिससे यह एचआईवी बीमारी एड्स का रूप ले लेता है \ दोस्तो एचआईवी का ही अगला स्तर होता है एड्स |

एड्स बीमारी एचआईवी रोग के बढ़ने से होता है | एड्स तथा एचआईवी दोनों एक ही होते हैं परंतु अंतर बस इतना है की एचआईवी के बढ़ने पर एड्स होता है | एचआईवी का next step एड्स होता है | आसा करते है की आपको समझ मे आया होगा की एचआईवी और एड्स मे क्या अंतर हैं? इसके बारे मे |

क्या एड्स से खुजली होती हैं?

अभी तक हम जान गए हैं की Aids kaise hota hai इसके बारे मे क्या आप जानते है की एड्स से खुजली होता हैं या नहीं | यह बीमारी वाइरस के कारण होता है जो की आपके दिल दिमाग तंत्रिका तंत्र आदि पर बहुत बुरा असर डालता है |

जब किसी को एड्स होता है तो उसके शरीर मे किसी भी प्रकार के खुजली या जलन जैसा महसूस नहीं होता है | कहने का अर्थ है की एड्स से खुजली नहीं होती हैं | यह एक ऐसी बीमारी होती है जो की आपको अंदर से कमजोर बना देती हैं | आसा हैं की आपको समझ मे आया होगा की क्या एड्स से खुजली होती हैं इसके बारे मे |

एचआईवी होने पर पहला संकेत क्या हैं?

ऐसे तो हमसे इसके संकेतों के बारे मे पहले ही आपसे बात कर लिया है पर क्या आप जानते है की एचआईवी का पहला संकेत क्या होता है | जब भी किसी को एचआईवी होता है तो इसका सबसे पहला संकेत होता है बुखार आना |

सुरवाती कुछ दोनों मे मरीज को बुखार जैसा महसूस होता है | उसका शरीर गरम रहता है | धीरे धीरे शरीर मे बहुत ज्यादा थकावट आने लगता है | आसा है की आपको समझ मे आ गया होगा की एचआईवी का सबसे पहला संकेत क्या होता है |

FAQ

HIV क्या है?

एचआईवी (HIV) एक वायरस है जो मानव इम्यून सिस्टम को नष्ट करता है और एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) के लक्षणों का कारण बनता है। इस वायरस के प्रसार का मुख्य कारण अनुचित एवं असुरक्षित सेक्स, Infected इंजेक्शन के उपयोग से होता है।

एड्स क्या है?

एड्स (AIDS) एक गंभीर और पराधीन बीमारी है जो एचआईवी वायरस के कारण उत्पन्न होती है। यह वायरस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति को अन्य संक्रमणों और रोगों के खिलाफ लड़ने में कठिनाई होती है।

HIV से संक्रमित होने के लक्षण क्या होते हैं?

HIV संक्रमित होने पर व्यक्ति को प्राथमिक संक्रमण के दौरान कुछ लक्षण हो सकते हैं जैसे बुखार, थकान, सिरदर्द, गले में खराश, शरीर में दर्द, मस्तिष्क में अवसाद आदि। ये लक्षण आमतौर पर विकसित होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इन लक्षणों का अस्पष्ट विकास हो सकता है या वे बिल्कुल दिखाई नहीं देते हैं।

HIV संक्रमण का टेस्ट कैसे करवाया जाता है?

HIV संक्रमण का टेस्ट रक्त के माध्यम से किया जाता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श लेकर व्यक्ति टेस्ट करवा सकता है।

HIV इलाज किया जा सकता है?

हां, HIV के इलाज के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाएं उपलब्ध हैं। एआरटी के इस्तेमाल से व्यक्ति को स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है और वायरस का प्रसार रोका जा सकता है।

HIV से बचने के लिए क्या करें?

HIV से बचने के लिए सुरक्षित सेक्स चाहिए, अनुचित संबंधों से बचना चाहिए। स्वच्छता का ध्यान रखना, Infected Injection , सेविंग के दौरान
Use हो चुकी Blade आदि से भी बचना चाहिए |

एचआईवी संक्रमित माँ का शिशु कैसे सुरक्षित रह सकता है?

गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान और शिशु को जन्म के समय ART दवाएं देने से शिशु को संक्रमण होने का खतरा कम होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एचआईवी टेस्ट करवाना और उचित चिकित्सा स्थितियों में प्रसूति करवाना महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है और एचआईवी और एड्स से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सक से पुष्टि करना जरूरी है।

Conclusion :

दोस्तों इस पोस्ट AIDS Kaise Hota hai के माध्यम से हमने आपको कुछ जरूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है | यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो इसे Share करके अन्य लोगों को भी जागरूक करे |

इसी प्रकार के interesting aur knowledgeable article पढ़ने के लिए आप हमारे site मे visit करते रहे | मिलते हैं हमारे अगले किसी पोस्ट के साथ | इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद दोस्तो |

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