Chitrakar kaise bane | चित्रकारी कैसे सीखे | चित्रकला का इतिहास |
यदि आप उनमें से हैं, जो चित्रकला में विशेष रुप से रूचि रखते हैं तो हमारे द्वारा दी जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारियां आपके बहुत काम आ सकती हैं। हम आपको चित्रकला के विषय में लगभग संपूर्ण जानकारी (जैसे Chitrakar kaise bane | चित्रकारी कैसे सीखे | चित्रकला का इतिहास | आदि ) साझा करने की कोशिश करेंगे ताकि आप अपने रचनात्मक सोच को सुधार सकें और अपने पैरों में खड़ा हो सके।
हम चित्रकला के विभिन्न आयामों को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे जिससे हम और आप चित्रकला में महारत हासिल कर सके। चित्रकला एक साधना है जिसे आप जितना अंतर्ध्यान करते हैं यह उतना ही निखरता जाता है।
चित्रकला के विषय में आज हम जो आप पाठक जन को जानकारी मुहैया कराने वाले हैं वह कुछ इस प्रकार से है:-
- Chitrakar kaise bane | चित्रकारी कैसे सीखे | चित्रकला का इतिहास |
- चित्रकला का इतिहास।। History of drawing art
- चित्रकार कैसे बने। ( Chitrakar kaise bane ) How to become a drawing artist
- ६) भारत के दस प्रमुख चित्रकला कॉलेज।।Top 10 fine art college in India
चित्रकला का इतिहास।। History of drawing art
चित्रकला का इतिहास हमें अतीत के उस दुनिया में ले जाता है जहां से मानव जीवन का प्रारंभ हुआ था, यह कहना गलत नहीं होगा कि जैसे-जैसे मानव जाति का विकास होता गया उसमें सोचने समझने की शक्ति बढ़ती गई और इन्हीं सोचने समझने की शक्ति के बदौलत मानव ने विभिन्न कलाओं का खोज किया और उन्हीं में से एक कला चित्रकला भी है जो अपने विभिन्न रचनात्मक आयामों को लिए समाए हुए हैं।
चित्रकला के इतिहास के बारे में बात करें तो यह हमें जानने पर मजबूर कर देता है कि आखिर चित्रकला का विकास कब कैसे और कहां हुआ था। तो आइए हम साथ में इन बातों का पता लगाते हैं।
यह उन दिनों की बात है जब चित्रकला का मानों जन्म हो रहा था, प्रारंभिक दौर में चित्रकारी के तरीके एवं ढंग रेखा या वृत्त नुमा हुआ करते थे। आदि-मानव द्वारा बनाए गए शैल चित्र, गुफा चित्र जिसमें विशेष रूप से हाथी, घोड़े और शिकार कैसे करते है इस प्रकार के चित्र हुआ करते थे जो आज भी इस बात का प्रमाण देते है कि चित्रकला का इतिहास उतना ही पुराना है जितना मानव जीवन का जन्म पुराना हैं।
यह तो रही शुरुआती दौर के समय आदिमानव द्वारा बनाए गए चित्रकला की जानकारी परन्तु चित्रकला का इतिहास यही तक सीमित नहीं है। आइए इतिहास के कुछ और पन्ने पलटते हैं और जानने कि कोशिश करते हैं कि जैसे-जैसे युग बदलते गए अनेकों सभ्यताओं का उदय होता गया और इन्हीं सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता `सिंधु घाटी सभ्यता’ भी था जिसकी खोज आज से लगभग १०० साल पहले सन् १९२४ में `सर जॉन मार्शल और डॉ० अर्नेस्ट मैके’ ने किया था।
इस सभ्यता के दौरान चित्रकला अपने अगले स्तर में जाने को तैयार था अर्थात् चित्रकला का विकास तेज गति से हो रहा था, सिंधु घाटी सभ्यता के आते-आते चित्रकला ही नहीं अपितु विभिन्न कलाओं (जैसे:- मूर्तिकला, वास्तुकला, धातुकला,शिल्पकाला आदि।) ने अपनी आधारभूत पकड़ बना लिए थे। इस सभ्यता के दौरान चित्रकारी बर्तनों, मुद्राओं, आभूषणों आदि में विशेष रूप से किए जाते थे।
अब हम इतिहास के जिस पन्ने को पलटने वाले हैं उसे चित्रकला का स्वर्ण काल, चित्रकला का प्रचलित युग कहना गलत नहीं होगा क्योंकि इसी काल में चित्रकला में रंगों का विशेष आगमन, अद्भुत चित्रकारी एवं चित्रकार,मानव का सजीव चित्रण, प्राकृतिक चित्रकारी आदि बनाना प्रारंभ हुआ था। यह बात है उस दौर का जब भारत में मुगलों का शासन हुआ करता था। `
जहीरूद्दीन-मुहम्मद-बाबर’ ने मुगलिया सल्तनत को भारत में स्थापित किया था और इन्हीं सल्तनत में अनेकों बादशाहो ने भारत में शासन किए, उन्हीं में से एक बादशाह जहांगीर भी था जो कि महान बादशाह अकबर के पुत्र थे, इन्हीं के शासनकाल(१६०५-१६२७ई.) को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा जाता है इस समय चित्रकला का प्रचलन बड़े पैमाने पर होने लगा और यह कला लोकप्रिय होते गया।
कहा जाता है कि जहांगीर स्वयं चित्रकला का एक महान पारखी और संरक्षक था जिन्होंने पशु -पक्षी जैसे प्राकृतिक सुंदरता से भरे चित्रकला को विशेष प्राथमिकता देते थे। जहांगीर के दरबार में आए `ब्रिटिश राजदूत टॉमस रो’ ने भी उनके दरबार में मौजूद चित्रकलाओं का प्रशंसा किया करते थे, इससे यह पता चलता है कि जहांगीर के शासनकाल के दौरान चित्रकला कितना अधिक प्रचलित और लोकप्रिय बन गया था अतः यही कारण है कि जहांगीर के शासनकाल को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा जाता है।
जहांगीर के शासनकाल और इतिहास के प्रमुख चित्रकारों के नाम:-
१) उस्ताद मनसूर, २) अबुल हसन, ३) बिहान दास, ४) मनोहर, ५) फारुख बैग, ६) दौलत आदि प्रमुख चित्रकार थे।
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वर्तमान चित्रकला और प्राचीन चित्रकला में अंतर । Difference between modern drawing and ancient drawing art
प्यारे दोस्तों अभी तक हमने चित्रकला के इतिहास के बारे में विस्तार से जाना अब हम आपको ले चलते हैं प्राचीन चित्रकला और वर्तमान चित्रकला में क्या अंतर है इस विषय पर, हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि वर्तमान व प्राचीन समय में किस प्रकार चित्रकारी किया जाता था। किस प्रकार के तरीकों का उपयोग वर्तमान समय में किया जाता है और किस प्रकार के तरीकों का उपयोग प्राचीन समय में किए जाते थे।
साथ-ही-साथ आपको चित्रकला शिक्षा नीति, सीखने का ढंग वर्तमान व प्राचीन समय में किस प्रकार होते हैं हम इस पर भी चर्चा करेंगे। इस जानकारी के जरिए आपको बताना चाहेंगे की चित्रकला का विकास किस प्रकार अपनी शाखाओं को फैलाता गया और चित्रकला का रुझान लोगों में बढ़ता गया।
प्राचीन चित्रकला
प्राचीन समय में चित्रकारी के तौर-तरीके वर्तमान समय के तौर-तरीकों से थोड़े अलग हुआ करते थे क्योंकि उस समय ना तो आधुनिक उपकरण जैसे:- मोबाइल, इरेज़र, पेंसिल, शार्पनर, इलेक्ट्रिक इरेज़र आदि होते थे और ना ही वर्तमान समय जैसे सुविधाएं परंतु उस समय रंगों का समावेशन चित्रकारी को मनमोहक बनाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते थे।
चूंकि प्राचीन समय में कागज अर्थात् पेपर का अविष्कार नहीं हुआ था अतः चित्रकारी करने हेतु प्राचीन समय के चित्रकार रेशमी कपड़ों का उपयोग अधिक करते थे। इस समय रंगों(color) का निर्माण प्राकृतिक चीजों, पेड़-पौधों आदि द्वारा किया जाता था। प्राचीन समय में चित्रकला के गुरु का भी विशेष अधिकता का अभाव हुआ करता था इसके बावजूद भी चित्र कला सीखने के चाह में चित्रकार कड़ी मेहनत व लगन से इस कला को अर्जित करते थे।
प्राचीन समय में कल्पना करके चित्रकारी करना एक प्रकार का प्राथमिक तरीका हुआ करता था परंतु वर्तमान में चित्रकारी करने के हजारों तरीके हैं, जैसे:- मोबाइल में वस्तु के चित्र को देखकर चित्रकारी करना आदि। चूंकि उस समय के लोगों का चित्त(मन) काफी शांत व सरल हुआ करते थे इस वजह से उनमें परखने और सोचने की शक्ति अधिक होते थे यही कारण है कि प्राचीन समय और वर्तमान समय के चित्रों का तुलना करना सहज प्रवृत्ति के बाहर है।
आधुनिक चित्रकला
वर्तमान समय की आधुनिक चित्रकला के बारे में बात करें तो आधुनिक उपकरणों ने चित्रकला के तरीकों को पूरा बदल दिया है, पहले के जमाने में रंगो द्वारा चित्रकारी की जाती थी परंतु वर्तमान में विभिन्न प्रकार के गैजेट्स, विभिन्न प्रकार के ग्रेफाइट पेंसिल, चारकोल पेंसिल आदि का उपयोग करके मन को छू लेने वाली चित्रकारी की जा सकती है।
वर्तमान समय में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है, आप किसी भी प्रकार से सीख सकते हैं, (जैसे:- ऑनलाइन या ऑफलाइन) ऑनलाइन में आप मूल्य अदा करके भी सीख सकते हैं और बिना मूल्य अदा किए भी सीख सकते हैं, आप अपने घर में रहकर भी सीख सकते हैं परंतु प्राचीन समय में ऐसा नहीं हुआ करता था, आपको गुरु के आश्रम में जाकर इन कलाओं को सीखना होता था। वर्तमान समय में आपको विभिन्न प्रकार के रंग(colour) मिलेंगे जो कि पहले की तुलना में उतना प्राकृतिक नहीं रहा जितना हुआ करता था। आज के दौर में रंगों के विभिन्न प्रकार(type) आपको देखने मिल सकते है,जैसे:- वाटर कलर, ऑयल कलर, पोस्टर कलर आदि।
चित्रकार कैसे बने। ( Chitrakar kaise bane ) How to become a drawing artist
Chitrakar kaise bane | जाहिर सी बात है कि जो भी व्यक्ति चित्रकला में विशेष रूचि रखता है वह चित्रकार जरूर बनना चाहेगा। चित्रकार बनाने के लिए आपको चित्रकारी आनी चाहिए, यदि आप चित्र बना सकते हैं तो आप एक चित्रकार हैं परंतु प्रोफेशनल चित्रकार बनने के लिए आपको कड़ी मेहनत व प्रयास करना चाहिए यदि आप किसी आर्ट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में चित्रकारी सीखने के लिए जाते हो तो आपको इन कॉलेज में एडमिशन लेना होता है। कॉलेज के एग्जाम को आप पास कर लेते हैं तो आपको एक आर्ट सर्टिफिकेट मिलता है इस मुकाम पर पहुंचकर आप एक प्रोफेशनल आर्टिस्ट बन जाते हैं।
दूसरा तरीका यह है कि यदि आप कॉलेज ज्वाइन किए बिना चित्रकारी करते हैं और सिखातें भी हैं साथ में अपने बहुत सारे कंपटीशन जीत रखे हैं तो आप भी एक प्रोफेशनल आर्टिस्ट हैं। प्रोफेशनल आर्टिस्ट का मतलब होता है कि आपके चित्रकारी में किसी भी प्रकार की कोई कमी या त्रुटि नहीं होनी चाहिए।
चित्रकारी कैसे करें
चित्रकारी कैसे करें ? Chitrakar Kaise bane | चित्रकारी करने से पहले आपको इसकी आधारभूत बारीकियों(Basics) के बारे में पता होना चाहिए, चित्रकारी को साधना(meditation) के जैसा समझना चाहिए क्योंकि इसमें आपको अपना पूरा ध्यान देना होता है, आपमें चित्र की छोटी-सी-छोटी बारीकियों को परखने का गुण होना चाहिए और इन सब से ऊपर आप में धैर्य होना जरूरी है धैर्य के बिना आप अपने चित्र को मनमोहक आकार नहीं दे सकते हैं। चित्रकारी करने के दौरान आपका पूरा ध्यान आपके चित्र में होना चाहिए जिससे कि हर एक बारीक से बारीक बनावट को आप अपने चित्र में उतार सकें।
यह जो जानकारी हमने आपको दी है वह आपका मन:स्थिति किस प्रकार होनी चाहिए चित्र बनाने के दौरान इस विषय में था। अब हम आपको व्यवहारिक रुप से चित्रकारी कैसे करें इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
प्राचीन समय में चित्रकारी रंगों के समावेशन द्वारा किया जाता था परंतु वर्तमान समय में चित्रकारी करने के विभिन्न आयाम हैं जिसमें से मुख्य तौर पर निम्न है:-
अ) पेंसिल चित्रकारी। Pencil drawing art
पेंसिल चित्रकारी का वजूद आधुनिक युग में आया इससे पहले रंगो द्वारा ही चित्रकारी की जाती थी। पेंसिल चित्रकारी में ग्रेफाइट का मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है आज से लगभग कुछ साल पहले मानव यह सोच भी नहीं सकते थे कि जिस पेंसिल का उपयोग हम लिखने में लाते हैं उससे अद्भुत चित्र कला भी की जा सकती है, इस प्रकार के चित्र बनाने के लिए निम्न तरीकों व उपकरणों को प्रयोग में लाया जाता है:


ग्रेफाइट पेंसिल :
इसमें विभिन्न प्रकार के पेंसिल आते हैं जैसे:-H,HB,B इसमें 1 से 14 तक के ग्रेट के पेंसिल आते हैं जिसका उपयोग हल्का (light) व गहरा(dark) जगहों को सेडिंग करने में लाया जाता है। पेंसिल से चित्रकारी करते समय आपको परत-दर-परत बनाना होता है अर्थात प्रथम सेडिंग करने के बाद अन्य सेडिंग की परतें लगाना चाहिए जिससे चित्र मनमोहक बनता है।
चारकोल पेंसिल:
यदि आपको अपने चित्र में अत्यधिक dark effect देना हो तो चारकोल पेंसिल का उपयोग किया जाना चाहिए है।
कलर पेंसिल:
इसमें विभिन्न प्रकार के कलर पेंसिल होते हैं यह भी उसी प्रकार काम करता है जैसे ग्रेफाइट पेंसिल अंतर है तो सिर्फ रंगों का।
इरेज़र:
इरेज़र(मेटन)इसका उपयोग आप अपने चित्र में High light effect देने हेतु कर सकते हैं इसके लिए विभिन्न प्रकार के इरेज़र जैसे:-normal eraser, Tombo eraser, electric eraser, kneaded eraser, white gel pen, pencil eraser आदि का उपयोग कर सकते हैं।
मेक्निकल पेंसिल:
मेक्निकल पेंसिल एक प्रकार से पेन के समान होता है इसका उपयोग आप बारीक से बारीक चीजों को बनाने में कर सकते हैं।
ब्रश एवं ब्लेंडिंग स्टंप:
ब्रश व ब्लेंडिंग स्टंप का उपयोग ग्रेफाइट सेडिंग को ब्लेंड या फैलाने के लिए किया जा सकता है।
Fixative स्प्रे:
इस प्रकार के स्प्रे का उपयोग आप अपने चित्र को लंबे समय तक सुरक्षित करने हेतु कर सकते हैं
ब) रंग चित्रकारी। colour drawing art
रंग चित्रकारी करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि इसमें कितने प्रकार के वैरायटी होते हैं, जैसे:-
ऑयल कलर
इस प्रकार के रंगों से चित्रकारी करते समय आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान में रखना जरूरी है जैसे ऑयल कलर से चित्रकारी कैनवास बोर्ड पर ही करना चाहिए, इसमें आप पानी का प्रयोग ना करके ऑयल का मिक्सिंग करें।
वाटर कलर
वाटर रंग से चित्रकारी करने के लिए आप कोई अच्छा सा मोटा जी. एस. एम. पेपर लेकर वाटर कलर को वाटर में मिलाकर चित्रकारी कर सकते हैं इससे अद्भुत चित्र बनकर सामने आएगा।
पेस्टल चित्रकारी
इस प्रकार के चित्रकारी में विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि यह पेस्टल रंग बहुत ज्यादा फैलता है, यह मुख्य दो प्रकार के होते हैं सॉफ्ट पेस्टल और ऑयल पेस्टल।
५) चित्रकारी से लाखों कैसे कमाए । How to earn money from drawing
यदि आप एक सफल चित्रकार हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि आप अपने चित्र बनाने की कला से लाखों रुपए कमा सकते हैं।
चित्रकारी से लाखों कमाने के निम्न तरीके है:-
- .पहला तरीका यह है कि जितने भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, इत्यादि में आप अपनें चित्र कला को दिखा या सिखा सकते हैं।
- .दूसरा तरीका यह है कि आप अपने एरिया में चित्र कला अकैडमी खोल सकते हैं।
- .तीसरा तरीका यह है कि आपके द्वारा बनाए गए चित्र को आप मार्केट में या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में सेल(बिक्री) के लिए लगा सकते हैं।
- .चौथा तरीका आप कमीशन आर्ट वर्क बना सकते हैं।
- .पांचवां तरीका किसी अच्छे से यूनिवर्सिटी या कॉलेज में आर्ट टीचर या प्रोफेसर के पद पर काम कर सकते हैं।
- .छठा तरीका आप आर्ट कंपटीशन आयोजित करके पैसे अर्न कर सकते हैं।
यह पैसे कमाने के कुछ मुख्य तरीके थे और भी बहुत सारे तरीके हो सकते हैं पर हमने इस पोस्ट में आपको प्रमुख बातें बताने की कोशिश की है।
६) भारत के दस प्रमुख चित्रकला कॉलेज।।Top 10 fine art college in India
यदि आप एक प्रो लेवल के चित्रकार बनना चाहते हैं तो आपको एक गुरु की आवश्यकता होती हैं जो आपकी गलतियों को बता व सुधार सकें। इस विषय को ध्यान में रखते हुए हमने आपके लिए भारत के दस प्रमुख चित्रकला कॉलेज (top 10 fine art college in India) के बारे में बताने वाले हैं-
- a) faculty of visual arts, BHU /Banaras, UP
- b) college of art /Delhi
- c) sir JJ institute of applied arts /Mumbai
- d) Kala Bhavana institute of fine arts /West Bengal
- e) Ravindra Bharati University /West Bengal
- f) faculty of fine arts, JMI /Delhi
- g) Jawaharlal Nehru architecture and fine arts University /Hyderabad
- h) LS Raheja school of art /Mumbai
- i) Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth /Varanasi,UP
- j) department of fine art, AMU /Aligarh, UP
आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी ( Chitrakar kaise bane | चित्रकारी कैसे सीखे | चित्रकला का इतिहास |) आपको पसंद आए,धन्यवाद।