Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? 2022 पढ़ लो अहंकार चूर-चूर हो जाएगा।

Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? 2022 पढ़ लो अहंकार चूर-चूर हो जाएगा।

दोस्तों आज हम आपको एक बहुत ही intresting fact अर्थात् Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? के बारे में बताने वाले हैं। इस Post को सिर्फ आपके ज्ञान knowledge के स्तर को बढ़ाने के परपस से बनाया जा रहा है।

अधिकतर आपने देखा होगा कि इंसान अपनी धर्म और जाति के अनुसार जब किसी आदमी या औरत की मृत्यु या मौत हो जाती है, तो उसे दफना दिया जाता है या जला दिया जाता है।

जलाने पर वह मृत शरीर राख हो जाता है, परंतु आज हम जानेंगे कि Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? आगे हम आपको यह भी बताएंगे कि आखिर हमारे शरीर का वह कौन ऐसा अंग होता है या भाग होता है जो सबसे आखिर में गलता है।

यदि आप इन सब बातों को जानने व पढ़ने में रुचि रखते हैं तो हमें आप comments कर सकते हैं। तो आइए गोता लगाते हैं ज्ञान के सागर में और जानते हैं कि Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? यह जानकारी निम्न प्रकार से है।

दफनाया हुआ शरीर कितने दिनों में पूरा गलता है? Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai?

यह एक बहुत रोचक बात है और हम यकीन से कह सकते हैं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके अंदर का अहंकार खत्म हो जाएगा।

यह तो आप जानते हैं कि मृत शरीर को जला देने पर सब राख हो जाता है और अंत में कुछ अवशेष बचते हैं जिन्हें गंगा में बहा दिया जाता है। पर यदि किसी मृत शरीर को दफनाया जाता है तो उस मृत शरीर को पूरा गलने में काफी समय लगता है। हम आपको वैज्ञानिक दृष्टि से इस बात को step by step समझाएंगे की Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai?

जब किसी मृत शरीर को दफनाया जाता है तो दफनाने के 24 घंटे के बाद सबसे पहले मृत शरीर के आंतों में कीड़े लगने लगते हैं, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर को खाने लगता है। इसके तीसरे दिन शरीर के बाकी भाग गलने लगते हैं जिसका प्रारंभ नाक से होता है। छठा दिन हाथ और पैर से नाखून गिरने लगते हैं तथा 9वें दिन शरीर के सारे बाल गिर जाते हैं।

17वें दिन की शुरुआत में पेट फटने लगता है और आंतें बाहर आ जाती है। लगभग 2 महीनों बाद अर्थात् 60 दिन में शरीर का सारा मांस सड़ गल जाता है और नष्ट हो जाता है। इसके बाद अंत में हड्डी बचते हैं, जो कि 90 दिन के बाद अलग-अलग होने लगते हैं और 1 साल में हड्डी गलकर नष्ट होने लगते हैं और अंत में 1 से 1.5 साल बाद जमीन में दफ़न शरीर का नामोनिशान नहीं बचता है।

Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? 2022 पढ़ लो अहंकार चूर-चूर हो जाएगा।

यह वही शरीर है जिस पर आप कभी घमंड करते थे, जिसे अच्छा रखने के लिए आपने क्या नहीं किया होगा। कहने का अर्थ यह है कि इंसान को कभी भी घमंड़ या अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो आपके पास आज है वह हमेशा नहीं रहने वाला। अतः जमीन में दफना मृत शरीर को पूरा गलने या सड़ने में 1 से 1.5 साल लगता है।

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धर्म के अनुसार जलाना और दफनाना Dharm ke anusar jalana aur dafnana?

सबसे पहले हम किसी भी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते। इस पोस्ट के माध्यम से हम सिर्फ जानकारी देना चाहते हैं।

सबके अपने-अपने मान्यता होते हैं, हिंदू धर्म के अनुसार आपको यह पता होगा कि हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है और जब मृत शरीर को जलाया जाता है तो वह शरीर उन पांच तत्वों आग, पानी, हवा, धरती और आकाश में विलीन हो जाता है। अतः हिंदू धर्म के अनुसार मृत शरीर को जलाना उचित माना जाता है।

बात करें क्रिश्चियन धर्म की तो इस धर्म के अनुसार मृत शरीर को जलाने के बजाय दफनाना उचित माना जाता है। इस प्रकार अन्य धर्मों में भी मृत शरीर को जलाया या दफनाया जाता है। सभी के अपने-अपने मान्यता होते हैं, अंत में जाना तो ईश्वर के पास ही होता है।

दफनाना सही है या जलाना? Dafnana sahi hota hai ya jalana?

दफनाना या जलाना इसे हम सीधे-सीधे सही या गलत नहीं कह सकते हैं क्योंकि प्रत्येक धर्मों का अपना-अपना नियम व मान्यताएं होती हैं।

कुछ जलाने को श्रेष्ठ मानते हैं, तो कुछ दफनाने को श्रेष्ठ मानते हैं और यह परंपरा सदियों से चला आ रहा है, इसलिए इसे गलत या सही नहीं कहा जा सकता।

हम आकलन कर सकते हैं कि जिस प्रकार किसी भी चीज के दो पक्ष होते हैं सही या गलत, उसी प्रकार यदि हम Nature के हित में देखे तो जलाने या दफनाने के ऐसे पक्ष होते हैं जो प्रकृति के atmosphere के अनुकूल नहीं होते। जैसे:- यदि किसी मृत शरीर को जलाया जाता है तो इससे धुआ निकलता है जो वायु को प्रदूषित कर सकता है, दूसरी तरफ यदि मृत शरीर को दफनाया जाता है तो इसमें कब्र बना दिया जाता है, जिससे धीरे-धीरे जगह भरने लगता है और आगे चलकर दफनाने हेतु जगह की समस्या भी हो सकती है।

इस जानकारी का अर्थ यह है, कि किसी भी चीज के दो पक्ष होते हैं सही या गलत। हमारा उद्देश्य किसी भी धर्म, जाति को ठेस पहुंचाना नहीं है।

कब्र या मठ क्यों बनाया जाता है? Tomb ya kabra kyo banaya jata hai?

आपने कभी यह तो देखा ही होगा कि जब कोई मर जाता है तो उसे दफनाने के स्थान पर एक कब्र या मठ बना दिया जाता है। ज्यादातर ऐसा क्रिश्चियन व मुस्लिम धर्म में किया जाता है। ऐसा मकबरा या मठ बनाने का उद्देश्य अनेक हो सकते हैं। जैसे:- मरने वाले की याद में, सदियों के परंपरा को बनाए रखने के लिए, उनके धार्मिक किताबों के अनुसार, उनके स्मृति चिह्न को बनाए रखने के लिए और उसे श्रद्धांजलि देने के लिए। यह कुछ मुख्य कारण होते है।

शरीर का कौन सा अंग आखिर में जलता या गलता है? Dafnane ya jalane per aakhir mein nasht hone wale ang?

हमने आपको यह बता दिया है कि Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? अब हम यह जानते हैं कि दफनाने या जलाने के दौरान शरीर का वह कौन सा भाग होता है जो आखिर में जलता या गलता है।

जब एक मृत शरीर को दफना दिया जाता है, तो उसके शरीर के मांस पेशी सबसे पहले गल जाते हैं और धीरे-धीरे सारी हड्डियां भी, परंतु पैर के femur and Tibia तथा सिर के हड्डी को गलने या सड़ने में सबसे अधिक time लगता है। इसी प्रकार जलाने पर भी यह हड्डियां देर में जल कर नष्ट होती है, क्योंकि यह शरीर की सबसे मजबूत हड्डियां होती हैं।

conclusion

आज हमने यह जाना कि दफनाने के बाद शरीर को पूरा सड़ने में 1 से 1.5 साल लगता है और साथ में दफनाना या जलाना दोनों अपने-अपने जगह सही है। हमने यह भी जाना कि सबसे देर नष्ट होने वाली हड्डी पैर व सिर की है। यदि आपका कोई सवाल या जवाब हो तो हमें नीचे comments जरूर करना। आशा करते हैं कि यह पोस्ट Dafnaya hua body kitne dino me pura galta hai? आपको पसंद आया होगा। धन्यवाद!

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