Hello friends | आज के हमारे इस post में हम जानेंगे की नाटक और एकांकी में क्या अंतर है natak aur ekanki me antar नाटक और एकांकी क्या होता है तथा यह क्या काम आता है, आदि के बारे में | आज का यह पोस्ट नाटक और एकांकी में अंतर अधिकांश उन लोगों के लिए फायदेमंद होने वाला है जो students है, government job की तैयारी कर रहे हैं या हिंदी विषय को गहराई से study कर रहे हैं |
ऐसे लोग जिनको नाटक या एकांकी के विषय में कोई भी जानकारी नहीं है या वे नाटक और एकांकी से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह post आपके लिए बहुत ही ज्यादा मददगार होगा |
इस post को पूरा पढ़ने के बाद यकीनन आपको नाटक और एकांकी में अंतर क्या है आदि के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी | friends यह जानकारी हिंदी व्याकरण के जानकारों और हिंदी के वरिष्ठ शिक्षकों से प्राप्त कर सही analysis आप तक पहुंचाई जा रही है |
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यह पोस्ट मददगार हो तो इसे share जरूर करना ताकि औरों को भी नाटक और एकांकी के बारे में पता चल सके | तो दोस्तों आइए जानते हैं कि नाटक और एकांकी में क्या अंतर है इसके बारे में | यह जानकारी निम्न प्रकार से है
नाटक किसे कहते हैं? Natak kya hota hai? what is Natak?
दोस्तों साधारण शब्दों में कहें तो किसी विशेष घटना को रंगमंच में पात्रों द्वारा अभिनय करके दर्शना नाटक कहलाता है | नाटक अर्थ नाट धातु से है | नाटक अथवा अनेक अंकीय दृश्य काव्य एक साहित्य की प्राचीन विधा है | जिसे संस्कृत साहित्य में रूपक नाम से भी जाना जाता है | यह साहित्य की वह विधा है जिसकी सफलता का परीक्षण रंगमंच पर होता है | नाटक को अंग्रेजी भाषा में drama कहा जाता है |
परिभाषित रूप में कहे तो नाटक एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा किसी मानव के संपूर्ण जीवन काल के घटना को रोचक ढंग से रंगमंच प्रस्तुत किया जाता है | नाटक को अनेक पात्रों द्वारा रंगमंच पर अभिनय, नृत्य, संवाद आदि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है |
नाटक दर्शकों पर अपना विशेष प्रभाव डालता है | भारतेंदु हरिश्चंद्र के काल से ही नाटकों का प्रारंभ माना जाता है | अतः पात्रों द्वारा रंगमंच पर अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए लिखा गया एक से अधिक अंक वाली रचना को नाटक कहते हैं |
एकांकी किसे कहते हैं? Ekanki kise kahate Hain? what is Ekanki?
दोस्तों एकांकी का अर्थ होता है एक अंक वाली रचना | परिभाषित रूम में कहे तो किसी मानव का या व्यक्ति के जीवन की एक घटना को रंगमंच पर अभिनय द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जिसे एकांकी कहते हैं |
इसमें पात्रों की संख्या नाटक की अपेक्षा बहुत कम होता है तथा इसमें किसी एक घटना या समय पर विशेष ध्यान दिया जाता है | इसे एक अंक का दृश्य काव्य कहा जाता है | एकांकी में मुख्यता कम पात्रों के जरिए रंगमंच पर किसी एक ही विशेष घटना को दर्शाया जाता है |
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नाटक और एकांकी में अंतर? Natak aur Ekanki me antar? Ekanki aur natak mein kya antar hai?
दोस्तों हैं एकांकी और नाटक में निम्न अंतर होते हैं –
- 1) नाटक में अनेक अंक होते हैं || एकांकी में एक अंक होता है
- 2) नाटक में अनेक पात्र होते हैं | एकांकी में तुलनात्मक रूप से कम पात्र होते हैं
- 3) नाटक में संपूर्ण घटना को प्रदर्शित किया जाता है || एकांकी में किसी एक घटना को प्रदर्शित किया जाता है
- 4) नाटक को प्रस्तुत करने में अधिक समय लगता है|| एकांकी को प्रस्तुत करने में अपेक्षाकृत कम समय लगता है
- 5) नाटक में अनेक घटना होते हैं||एकांकी में मुख्यता एक घटना होता है
- 6) नाटक का आकार अधिक होता है||एकांकी का आकार तुलनात्मक रूप से कम होता है
- 7) कथा की विकास प्रकृति धीमी होती है नाटक में||एकांकी में कथा की विकास प्रकृति प्रारंभ से ही बढ़ती हैं
- 8) नाटक द्वारा दर्शक पर पूर्ण प्रभाव पड़ता है||एकांकी में सजीव और गहरा प्रभाव पड़ता है
- 9) नाटक के कथा में विस्तार रहता है||एकांकी कथा में घनत्व रहता है
- 10) नाटक में मुख्य काव्य के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक काव्य भी होते हैं||एकांकी में केवल मुख्य काव्य होता है
- 11) नाटक दृश्य काव्य का वृहद रूप है||एकांकी दृश्य काव्य का लघु रूप है
Natak ke tatv kitne Hote Hain? नाटक के तत्व कितने हैं? Natak ke tatv?
दोस्तों हमने अभी तक यह जान लिया है कि नाटक और एकांकी में क्या अंतर होता है | आइए नाटक व एकांकी के बारे में कुछ और जानते हैं | नाटक के निम्न तत्व होते हैं-
- 1) कथावस्तु
- 2) चरित्र चित्रण
- 3) अभिनेता
- 4) संवाद या कथोपकथन
- 5) देश काल और वातावरण
- 6) भाषा शैली
- 7) उद्देश्य।
हिंदी नाटक का उद्भव?Hindi natak ka udbhav? Hindi natak ki shuruaat?
दोस्तों बात करें हिंदी नाटक के उद्भव की तो हिंदी नाटक का जनक तथा हिंदी नवजागरण का अग्रदूत भारतेंदु हरिश्चंद्र को कहा जाता है | दोस्तों हिंदी नाटकों का प्रारंभ भारतेंदु हरिश्चंद्र के समय से माना जाता है क्योंकि इससे पहले जो नाटकीय रचनाएं होती थी वह नाटकीय काव्य की या संस्कृत के अनुवाद हुआ करते थे क्योंकि इनमें नाट्य कला का अभाव होता था |
जैसे:- कवि उदय-> हनुमान नाटक 1840,
प्राण चंद्र चौहान-> रामायण महा नाटक 1610
यह दोनों उदाहरण केवल पद्दात्मक है नाट्य रचनाएं नहीं है | इस प्रकार हिंदी नाटक का उद्भव रहा |
हिंदी नाट्य साहित्य का विकास? Hindi natya sahitya ka Vikas? Hindi natak ka Vikas?
मुख्यतः हिंदी नाटक के रूप का समुचित विकास आधुनिक काल के प्रारंभ से ही माना जाता है | हिंदी नाटकों में जयशंकर प्रसाद जी का एक प्रमुख स्थान रहा है |
नाटक के भेद? Natak ke kitne bhed Hote Hain? Natak ke bhed?
दोस्तों यह तो आप जानते हैं कि नाटक शब्द संस्कृत में रूपक का पर्याय है | चूंकि दृश्य काव्य का एक भेद का नाम नाटक है और दृश्य काव्य के दो विभाग होते हैं रूपक और उपरूपक |
इस प्रकार रूपक के 10 भेद होते हैं (रूपक, नाटक, प्रकरण, भाण, व्यायोग, समवकार, ड़िम, ईहामृग, अंकवीथी और प्रसन) तथा उपरूपक के 18 भेद होते हैं(नाटिका,त्रोटक, गोष्ठी, सट्टक, नाटयरासक, प्रस्थान, उल्लाप्य, काव्य, प्रेक्षणा, रासक, संलापक, श्रीगदित, शिंपक, विलासिका, दुर्मल्लिका, प्रकरणिका, हल्लीशा और भणिका) | यह थे दोस्तों नाटक के कुछ प्रमुख भेद |
नाटक के प्रमुख उदाहरण? Natak ke Pramukh udaharan? Natak example?
नाटक के प्रमुख उदाहरण और उनके लेखक निम्न है-
- 1) गोपाल चंद्र गिरिधर दास-> नहुष, 1857
- 2) अयोध्या सिंह उपाध्याय-> प्रद्दुम्न विजय, 1863
- 3) शतिला प्रसाद-> जानकी मंगल, 1868
- 4) राजा लक्ष्मण सिंह-> शकुंतला
- 5) श्रीनिवास दास-> तप्तासंवरण
- 6) जगन्नाथ चतुर्वेदी-> मधुर मिलन
- 7) प्रताप नारायण मिश्रा-> गो संकट, जुआरी-खुआरी
- 8) गोपाल राम गहमरी-> भयंकर चोरी, गुप्त भेद
- 9) जयशंकर प्रसाद-> सज्जन, कल्याणी, परिणय, विशाखा, स्कंद गुप्त
- 10) लक्ष्मी नारायण मिश्रा-> अशोक, सन्यासी, राक्षस का मंदिर, आदि |
नाटक की विशेषताएं? Natak ki visheshtaen?
नाटक की विशेषताएं कुछ इस प्रकार से है-
- 1) नाटक में पात्रों की अधिकता होती है।
- 2) नाटक की कथावस्तु अधिक होती है।
- 3) नाटक के विभिन्न अंक होते हैं।
- 4) नाटक में पूर्ण घटना काल का विवरण होता है।
- 5) यह अधिक प्रभावशाली होता है आदि।
एकांकी के तत्व? Ekanki ke tatv? ekanki ke kitne tatv Hote Hain?
दोस्तों एकांकी के निम्न तत्व होते हैं-
1) कथावस्तु
2) कथाकथन या संवाद
3) पात्र का चरित्र चित्रण
4) देश काल और वातावरण
5) भाषा शैली
6) रंगमंच
7) उद्देश्य
एकांकी के प्रकार? Ekanki ke kitne prakar Hote Hain? Ekanki ke prakar?
- दोस्तों एकांकी के निम्न प्रकार हैं –
- 1) सामाजिक एकांकी
- 2) पौराणिक एकांकी
- 3) ऐतिहासिक एकांकी
- 4) राजनीति से संबंधित एकांकी
- 5) चरित्र प्रधान एकांकी
एकांकी के उदाहरण? Ekanki ke Pramukh udaharan?
एकांकी के प्रमुख उदाहरण और उसके लेखक निम्न है –
- 1) भारतेंदु हरिश्चंद्र-> भारत दुर्दशा, धनंजय, विजय, विषम्य विष, औषधम, अंधेर नगरी
- 2) मंगल प्रसाद विश्वकर्मा-> शेर सिंह
- 3) सियाराम शरण गुप्त-> कृष्ण
- 4) सरयू प्रसाद बिंदु-> भयंकर भूत
- 5) राम सिंह वर्मा-> रेशमी रुमाल और क्रिसमस
- 6) डॉ रामकुमार वर्मा-> बादल की मृत्यु, रेशमी टाई
- 7) लक्ष्मी नारायण मिश्रा-> स्वर्ग में विप्लव आदि |
एकांकी की विशेषताएं? Ekanki ki visheshtaen?
- 1) एकांकी में कम से कम पात्र होते हैं।
- 2) एकांकी में केवल एक घटना को प्रदर्शित किया जाता है।
- 3) एकांकी में केवल 1 अंक होता है।
- 4) एकांकी की कथावस्तु तुलनात्मक रूप से कम होती है।
- 5) अकाउंट की दृश्य काव्य का एक छोटा रूप होता है आदि।
Conclusion
दोस्तों आज के पोस्ट में हमने जाना कि Natak aur Ekanki me antar? नाटक और एकांकी के बीच क्या अंतर है तथा नाटक और एकांकी के भेद, तत्व आदि के बारे में | यदि इस पोस्ट के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की सहायता मिलती है तो इसे अपने दोस्तों में share जरूर करना ताकि उन्हें भी नाटक और एकांकी में अंतर क्या होते हैं इसके बारे में पता चल सके |
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