अगर आपको Typhoid या टाइफाइड Maleria हुआ है या कोई भी साधारण बुखार हुआ है | और उसके ठीक के हो जाने के बाद हमारे शरीर में इतनी कमजोरी आ जाती है, जिसके कारण हमारा शरीर सुस्त हो जाता है | हम अच्छे से काम नहीं कर पाते | जल्द ही शरीर थक जाता है | तो आज की इस पोस्ट में हम आपको typhoid ke bad kamjori dur karne ke upay ( टाइफाइड के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय ) के बारे में बताएंगे
आइए दोस्तों सबसे पहले हम Typhoid के बारे में बात करते हैं कि Typhoid Kya Hota Hai , टाइफाइड कैसे फैलता है ? टाइफाइड के नुकसान क्या है ? टाइफाइड कमजोरी कैसी होती है ? , टाइफाइड छूने से फैलता है कि नहीं ? , टाइफाइड के बाद सावधानी क्या रखनी चाहिए | इस पोस्ट में हम टाइफाइड बीमारी के बारे में पूरी बातें शेयर करेंगे |
टाइफाइड क्या होता है – Typhoid Kya Hota Hai
सबसे पहले हम जानते हैं कि टाइफाइड फीवर क्या है ? दरअसल जो टाइफाइड का जो टेक्निकल नाम है वह टाइफाइड फीवर है | जिसको मेडिकल term में एंटेरिक fiver भी बोलते हैं और टाइफाइड का हिंदी नाम जिसे हिंदी में आंत्र ज्वर कहते हैं | यह एक खतरनाक रोग है जो कि साल्मोनेल्ला tyfhi (salmonella tyfhi) नामक जीवाणु से होता है | इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है |
दुनिया में जो पहला व्यक्ति था जिसे टाइफाइड इंफेक्शन हुआ था उसका नाम टाइफाइड मैरी था | उसी के नाम पर इस इन्फेक्शन का नाम टाइफाइड पड़ा | इंफेक्शन से बुखार होता है इसलिए इसे टाइफाइड फीवर भी कहते हैं | यह आंतों में होता है और आंत को enteric बोलते हैं | इस कारण इसका नाम enteric fiver पड़ा |
टाइफाइड बुखार के बारे में और बातें करें तो यह Typhoid fiver एक bactirial infection है जो हमारे शरीर के digestive system यानी आंत में होता है |
Salmonella bactria ke prakar – Types of Salmonella bactria
Salmonella bactria दो प्रकार के होते हैं
- Salmonella typhi (typhi) से जो इंफेक्शन होता है उसे टाइफाइड कहते हैं |
- Salmonella paratyphi ( paratyphi ) – paratyphoid से जो इंफेक्शन होता है उससे पैराटाइफी कहते हैं |
ज्यादातर लोग salmonella typhi से ज्यादा ग्रसित होते हैं | salmonella paratyphi कम लोगों में होता है |


टाइफाइड कैसे फैलता है
सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है कि टाइफाइड कैसे फैलता है ? टाइफाइड क्यों होता है ? और कैसे होता है ? जो टाइफाइड होता है वह गंदे खाना और गंदे पानी पीने से होता है | गंदगी में रहना, अपने आसपास साफ-सफाई पर ध्यान ना देना, गंदी जगह पर रहने से, सफाई ना रखने की वजह से Typhoid होता है |
अगर किसी व्यक्ति को टाइफाइड है, और वह दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी टाइफाइड होने का खतरा होता है | टाइफाइड छूने से फैलता है टाइफाइड का इन्फेक्शन डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरीके से फैल सकता है | टाइफाइड का बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति और उसके पेशाब में होता है |
जब कोई टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति पेशाब के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से नहीं धोता, और वह खाने पीने की चीजों को छूता है, तो उसका इंफेक्शन उस खाने या पानी में चला जाएगा | और जो व्यक्ति उस खाने को खाएगा और पानी को पिएगा वह व्यक्ति टाइफाइड से संक्रमित हो जाएगा | जिससे उस व्यक्ति को भी Typhoid हो सकता है |
इसलिए सफाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को टाइफाइड होता है तो और वह टाइफाइड मलेरिया से संक्रमित है तो टाइफाइड, टाइफाइड मलेरिया के लक्षण कैसे पहचाने
टाइफाइड फीवर के लक्षण इन हिंदी – Typhoid Fever Ke Lakshan In Hindi
Typhoid Fever के लक्षण निम्न हो सकते है –
- तेज बुखार आना,
- पेट दर्द,
- सर दर्द
- बदन दर्द,
- raises ,
- डायरिया,
- भूख ना लगना,
- 104 डिग्री तक बुखार,
- दस्त या कब्ज,
- कफ
यह सब लक्षण आपको टाइफाइड ,टाइफाइड मलेरिया में दिखेंगे | जिससे आप टाइफाइड होने के लक्षण को पहचान सकते हैं |
टाइफाइड के लिए कौन से ब्लड टेस्ट होता है ?
टाइफाइड के लिए नॉर्मल बहुत से ब्लड टेस्ट होते हैं –
- Widul test,
- typhi Dot ,
- blood culture,
- stool culture ,
- urine culture ,
- bone marrow
टाइफाइड के लिए डॉक्टर ज्यादातर widul test और typhi Dot का टेस्ट लिखते हैं | टाइफाइड के लिए सबसे अच्छा टेस्ट widul test होता है | इन सभी टेस्टों से टाइफाइड का पता चलता है |
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टाइफाइड कितने दिन तक रहता है ? – Typhoid kitne din tak rahata hai
टाइफाइड हमारे शरीर में प्रायः 7 दिन से 14 दिन तक रह सकता है | लेकिन कभी-कभी 3 दिन से लेकर 30 दिन तक भी Typhoid रह सकता है | अगर किसी व्यक्ति को टाइफाइड के इंफेक्शन होता है, तो कम से कम 6 से 7 दिन बाद ही टाइफाइड के लक्षण नजर आते हैं |
टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज।
टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है टाइफाइड के इलाज में कौन सी दवाई दी जाती है ? टाइफाइड के लिए मुख्य रूप से डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयों से ट्रीटमेंट चलाते हैं |
टाइफाइड की एंटीबायोटिक दवा का नाम
- Antibiotics,
- Ciprofloxacin,
- Ofloxacin ,
- Cerfixime,
- Ceftriaxone
- Cefuroxime ,
- Azithromycin आदि
इन दवाइयों से टाइफाइड को जड़ से खत्म करना आसान होता है | और शरीर फिर से रोगमुक्त और स्वस्थ हो जाता है |
बहुत से लोग टाइफाइड के लिए पेरासिटामोल की दवाई भी खाते हैं | क्या टाइफाइड में पेरासिटामोल की दवाई खानी चाहिए (Kya Typhoid me Paracetamol ki dawai khani chahye) आइए जानते हैं पेरासिटामोल के बारे में बातें | आपको टाइफाइड है, तो आप Paracetamol की 650mg TDS ( दिन में तीन बार ) दवाई ले सकते हैं | इसके अलावा Cefixime 200mg bd (दिन में दो बार) , Multivitamins capsule OD (दिन में एक बार ) डॉक्टर के परामर्श से ले सकते हैं |
टायफाइड वैक्सीनेशन
टाइफाइड की वैक्सीन दो टाइप से आती है
1 . Injectable ( A . conjugate B. Unconjugate )
2 . Oral vaccine ( live capsule )
. Conjugate vi . Vaccine जो है उसे कम उम्र में लगाई जाती है इससे बच्चे में 9 महीने से 12 महीने के बीच में लगा लगाना चाहिए और 6 महीने के बाद कभी भी लगाया जा सकता है
. Unconjugate vi .vaccine जो वैक्सीन है उसे 2 साल के बाद लगाया जाता है |
2 से 6 साल के बच्चे को टाइपिंग वी आई का सिंगल डोर और 2 साल के बाद बूस्टर डोज चाहिए | 6 साल की उम्र के बच्चों को ty21a का टीका हर 48 घंटे में 4 बार देना चाहिए| 2 साल बाद बूस्टर डोज लगवाना चाहिए | टाइफाइड वैक्सीन इंजेक्शन बहुत जरूरी है | इसे लगवा लेना चाहिए |
Typhoid Fever में कौन सा इंजेक्शन लगाया जाता है ? टाइफाइड बुखार को रोकने के लिए बायो वाड 25mcg टाइफाइड वैक्सीन इंजेक्शन टाइफाइड की बुखार को रोकता है | बायो वाड टाइपोड 25 एमसीजी इंजेक्शन बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ता है |
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टाइफाइड के नुकसान
Typhoid एक पेट संबंधी बीमारी है | और इसका इलाज सही समय पर नहीं हुआ तो पेट में सूजन हो जाना , पेट में घाव हो जाना | इससे मरीज को काफी दर्द होगा | थकान महसूस करेगा और घांव या छाला पड़ गया तो उससे इंफेक्शन और बढ़ेगा | बैक्टीरिया पूरे शरीर में फैल जाएगा | जिससे निमोनिया (Pneumonia) जैसी बीमारी हो सकती है |
टाइफाइड के मरीज को डॉक्टर द्वारा दिए टाइफाइड की दवाइयां सही से लेनी चाहिए | जितने दिन का डोज है उसे पूरा करना चाहिए | यह एक खतरनाक बीमारी है | अगर इसका इलाज ठीक से नहीं होता है, तो ऐसी बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है | इस बीमारी में सभी को सही से इलाज लेना चाहिए |
Typhoid ke bad kamjori dur karne ke upay
टाइफाइड के बाद सावधानी
अगर कोई टाइफाइड का मरीज है टाइफाइड से पीड़ित है तो टाइफाइड के बाद सावधानी (Typhoid ke bad savdhani) को नजरअंदाज ना करें
- खाने से पहले अपने हाथों को साबुन या पानी से अच्छी तरह से धोएं
- साफ पानी या पीने के पानी को उबालकर ही पिए
- ठेली या किसी दुकान का खुला में रखा हुआ खाना नहीं खाना है
- बासी खाने का सेवन ना करें
- कच्ची सब्जियां और फल खाने से बचें
- अपनी रहने की जगह को साफ सुथरा बनाए रखें
टाइफाइड में परहेज करना जरूरी है
टाइफाइड में क्या खाना चाहिए।
टाइफाइड होने पर ज्यादा ध्यान खाने की ओर होता है कि टाइफाइड में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए | बहुत से लोग जो शाकाहारी खाना पसंद करते है और बहुत से लोग मांसाहारी खाना पसंद करते हैं | और मन के अंदर खाने को लेकर बहुत सी बातें चलती रहती है | कि टाइफाइड में दूध पीना चाहिए या नहीं , टाइफाइड में कौन सी फल खाना चाहिए या टाइफाइड में मछली खाना चाहिए या नहीं | क्या यह सब खाना ठीक होगा तो इन सवालों के लिए नीचे लिखे गए बातों पर गौर करें कि आपको टाइफाइड में क्या खाना चाहिए
जो टाइफाइड के मरीज हैं | वह ऐसी चीजों को खा सकते हैं, जिससे पाचन क्रिया सही से हो | ऐसा खाना जो सही से पच जाए जैसे –
- भुना हुआ आलू
- चावल
- गेहूं की रोटी,
- बाजरा ,
- दलिया,
- खिचड़ी,
- बिना छिलके वाली दाल
यह सभी आसानी से पच जाती है |
इसके अलावा ऐसे फल फ्रूट जिसमें फाइबर कम हो फल का जूस यह सब ले सकते हैं | जैसे – अंगूर, पपीता, केला और ऐसे फल जिसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है | जैसे – तरबूज, खरबूजा आदि फल फ्रूट खा सकते हैं | टाइफाइड होने पर उल्टी दस्त से शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है | इस तरह के खाने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है |
क्या ना खाएं
- तेल मसाले दाल खाने से बचें
- तेल से भुना तला हुआ खाना ना खाएं
बाजार से बाहर की चीजें जैसे चाऊमीन, मंचूरियन, चाट मसाला, मोमोस, समोसा , मिर्ची दार चटनी, अचार, ज्यादा नमक वाली चीजें | इस तरह के खाने से बचें | इस तरह के खाना खाने से पेट में पाचन सही से नहीं हो पाता | ज्यादा देर तक खाना के ना पचने से गैस एसिडिटी होने लगती है जिससे समस्या और बढ़ जाती है |
नॉनवेज चीजें जैसे – मांस, चिकन, मटन, मछली, और ऐसी चीजें जो फाइबर युक्त हैं | जैसे – सब्जी हरी सब्जियां, पालक, गोभी, करेला, कद्दू इस तरह की सब्जी सही से पच नहीं पाती | हाई फाइबर वाली चीजों को ना खाएं | टाइफाइड होने पर शरीर बहुत कमजोर हो जाता है | typhoid ke bad kamjori dur karne ke upay.में सही खाना खाना बहुत जरूरी है |
Conlusion
आज के इस पोस्ट में हमने typhoid ke bad kamjori dur karne ke upay. एवं इससे संबन्धित सारी जानकारी के बारे में जाना | अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करे |